اقْرَأْ وَرَبُّكَ الْأَكْرَمُ﴿3﴾
पढ़ो, और तुम्हारा रब बड़ा दयालु है।
الَّذِي عَلَّمَ بِالْقَلَمِ ﴿۴﴾﴿4﴾
जिसने कलम से सिखाया
عَلَّمَ الْإِنْسَانَ مَا لَمْ يَعْلَمْ﴿5﴾
उसने मनुष्य को वह सिखाया जो वह नहीं जानता था।
كَلَّا إِنَّ الْإِنْسَانَ لَيَطْغَى﴿6﴾
सचमुच, मनुष्य विद्रोही है।
أَنْ رَآهُ اسْتَغْنَى﴿7﴾
जैसे ही वह खुद को अनावश्यक समझता है
إِنَّ إِلَى رَبِّكَ الرُّجْعَى﴿8﴾
निस्संदेह, लौटना तुम्हारे रब ही की ओर है।
सूरा अलक़
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